5 Easy Facts About shiv chalisa lyricsl Described
5 Easy Facts About shiv chalisa lyricsl Described
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किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥
Shiv Chalisa is usually a “forty verse” prayer which praises the Lord and asks for his help in getting rid of hardships and hurdles in devotee’s everyday living.
द्वादश ज्योतिर्लिंग मंत्र
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव…॥
कहैं अयोध्यादास आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥
पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥
अर्थ: हे शिव शंकर भोलेनाथ आपने ही त्रिपुरासुर (तरकासुर के तीन पुत्रों ने ब्रह्मा की भक्ति कर उनसे तीन अभेद्य पुर मांगे जिस कारण उन्हें त्रिपुरासुर कहा गया। शर्त के अनुसार भगवान शिव ने अभिजित नक्षत्र में असंभव रथ पर सवार होकर असंभव बाण चलाकर उनका संहार किया था) के साथ युद्ध कर उनका संहार किया व सब पर अपनी कृपा की। हे भगवन भागीरथ के तप से प्रसन्न हो कर उनके पूर्वजों की आत्मा को शांति दिलाने की उनकी प्रतिज्ञा को आपने पूरा किया।
प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे Shiv chaisa सुरासुर भये विहाला॥
कमल नयन पूजन चहं सोई ॥ कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर ।
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥
वेद माहि महिमा तुम गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥
पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥